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डूटा प्रेस विज्ञप्ति: 23 मई, 2018

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डूटा प्रेस विज्ञप्ति: 23
मई
, 2018

सर्वसम्मति से आज दिनांक 23 मई 2018 को ड़ूटा
की जनरल बॉडी मीटिंग में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के बहिष्कार को सफलतापूर्वक
चलाए रखने के लिए सभी शिक्षक साथियों को बधाई देते हुए डूटा अध्यक्ष ने छात्र संगठनों
और कर्मचारी संगठन को भी इस बहिष्कार में साथ देने की अपील की है! इस बैठक मे यह
भी निर्णय लिया गया की डूटा अब सोशल मीटिंग के ज़रिए जनता के बीच उच्च शिक्षा को
लेकर सरकार की शिक्षा और शिक्षक विरोधी नीतियों को बड़े पैमाने पर ले जाने का काम
करेगी
, जिससे संसद सदस्यों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओ का भी सहयोग लेना
होगा!
सरकार के महाविद्यालयों को स्वायत्त स्थिति
देने का जोरदार तरीके से विरोध करते हुए डूटा ने आज निम्न प्रस्ताव पारित किया-
1.  उत्तर पुस्तिका
मूल्यांकन का बहिष्कार अगली डूटा बैठक तक जारी
!
2.  यू.जी.सी पर 24 मई
2018 को 9:30 से 1:30 बजे के बीच “
DU अचाओ” के रूप में प्रदर्शन!
3.  30 मई 2018 को
10:00 बजे से 5:00 बजे के बीच मंडी हाउस पर सामूहिक सत्याग्रह “भूख हड़ताल”!
4.  01 मई 2018 को
10:00 बजे डूटा जनरल बॉडी मीटिंग!
आज की डूटा मीटिंग में यह चिंता व्यक्त की
गई कि महाविद्यालयों को स्वयात्ता योजनाओं और आन लाइन पाठ्यक्रमों को बढ़ावा
मिलेगा! इस तरह सरकार प्रतिष्ठित संस्थान और विश्वविद्यालयों को शिक्षा की दुकान
में बदलना चाहती है!
HEFA
हेफा जैसी स्कीम के माध्यम से सरकार अनुदान को कर्ज में बदलकर सरकार
भविष्य में छात्र और अविभावकों पर अतिरिक्त फीस का बोझ डालेगी! जिसका भारत जैसे
देश पर भयावह असर होगा!
इस तरह से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समाज
के दलित
, अल्प संख्यक, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लोगों की
भीगीदारी कम हो जाएगी! 20 मार्च 2018 को सरकार ने 60 संस्थानों को स्वायत्ता देते
हुए दिल्ली विश्वविध्यालय के महाविध्यालयों पर भी स्वायत्ता लेने के लिए दबाव दे रही
है! सेंट स्टीफ्न्स कॉलेज और हिन्दू कॉलेज को यू.जी.सी द्वारा स्वायत्त स्थिति
देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है!
5 मार्च 2018 को यू.जी.सी द्वारा जारी किए
पत्र से आरक्षित वर्गों की हिस्सेदारी घटेगी: जिसको लेकर डूटा में शिक्षकों ने आक्रोश
जाहीर किया! नियुक्ति तथा पदोन्नति की प्रक्रिया रुकने से दिल्ली विश्वविध्यालय की
अकादमिक क्षति है! 2009 से अब तक पदोन्नति की प्रक्रिया रुकी हुई है यहाँ तक की
2008 के पूर्व की पदोन्नतियां रुकी हुई है। डूटा के द्वारा यह भी मांग की है कि विश्वविध्यालय
प्रशासन तृतीय श्रेणी तथा वैकल्पिक श्रेणी के अवकाश प्राप्त लोगों को पेंशन तुरंत जारी
करे।
डूटा ने अविभावकों, विध्यार्थियों
तथा नागरिकों से अपील की है कि सरकारी अनुदान प्राप्त शिक्षा संस्थानों और दिल्ली विश्वविध्यालय
को बचाने के लिए संघर्ष मे साथ आए!
 

  राजीब रे

अध्यक्ष, DUTA विवेक चौधरी
सचिव, DUTA

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